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विशेष खेल संवाददाता, जयपुर इंडियन कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी बुधवार को होने वाले मैच के लिए अपनी बॉलिंग को लेकर काफी टेंशन में दिखे। यही वजह है कि वह प्रैक्टिस के दौरान सिंगल विकेट बॉल फेंक रहे अपने मीडियम पेसरों पर काफी पैनी निगाह रखे हुए थे। ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, विनय कुमार, मोहम्मद शमी और जयदेव उनाडकट बारी-बारी से सिंगल विकेट करने के बाद बगल में लगे दूसरे नेट पर अपने बैट्समैनों को बैटिंग प्रैक्टिस भी करवा रहे थे। सिंगल विकेट के दौरान कई बार ईशांत ने अपने सटीक निशाने से उसे उखाड़ा भी। ईशांत जब सुरेश रैना को नेट पर बॉल डाल रहे थे, तो धोनी ने ईशांत को रोका और बॉल को सीम से पकड़ने के उनके तरीके को ठीक कराया। धोनी ने ऐसा एक-दो बार नहीं बल्कि तीन बार ईशांत से बॉल की ग्रिप सही तरीके से पकड़ने की सलाह दी। जाहिर है, कैप्टन अभी अपने इस बॉलर को कॉन्फिडेंस देने के मूड में हैं। हालांकि ईशांत ने टी-20 मैच में चार ओवरों में बगैर सफलता के 52 रन लुटाए थे, जबकि पुणे वन डे में सात ओवर में उन्होंने 56 रन खर्च कर सिर्फ एक विकेट लिया था। ईशांत की लाइन एंड लेंग्थ और पेस में होती कमी से विपक्षी बैट्समैन अब उन पर टूट पड़ते हैं। बावजूद इसके विराट कोहली का मानना है कि ईशांत को अभी और समय देने की जरूरत है। मैच की पूर्व संध्या पर विराट ने कहा-मैं टीम मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं हूं, जो प्लेइंग इलेवन के बारे में फैसला करूं। लेकिन फिर भी मुझे नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी को दो मैचों की खराब परफॉर्मेंस के कारण बाहर किया जा सकता है। ईशांत ने चैंपियंस ट्रॉफी और वेस्ट इंडीज टूर पर अच्छा परफॉर्म किया था। इंग्लैंड में भी उनका परफॉर्मेंस बहुत अच्छा रहा। किसी को इस तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है। टी-20 मैचों में सभी बॉलरों की धुनाई होती है, ऑस्ट्रेलिया के बॉलरों की भी हुई, लेकिन उन्होंने उन्हें बाहर नहीं किया।

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